सफलता का कुंजी Nilachal Tripathy 12:03 am Add Comment Edit सफलता का कुंजी रामपुर एक छोटीसी गांब। एकदम नि-पट जंगल इलाका। मेहज बिस पच्चीस परिबार रहते हैं। लगभग गांब की सारे लोग गरीबी की काल चक्...
परोपकार Nilachal Tripathy 8:17 pm Add Comment Edit परोपकार थोडीसी पुरानी जमाना की बात।तब लोग अब जैसे नहीं थे। कई प्रकार से भिन्न थे।रेहेन सहन,आचार ब्यबहार,रुचि काम-काज हरचीज म...
टिडडी की खेद Nilachal Tripathy 1:25 am Add Comment Edit टिडडी की खेद शीत की ऋतु चल रहा था। उसदिन आकाश एकदम साफ था। सुबह की बेला।दिन की प्रथम प्रहर चल रहा था।चारोंओर सूरज की रक्तिम स्वर्णाभ श...
मेरा पहला कहानी: मेरा फ़र्ज़ Nilachal Tripathy 8:41 pm Add Comment Edit मेरा फ़र्ज़ लगभग तुम्हारी उमरकी एक लड़का।मेहज दसबारह सालका।अपना गाओंका पाठसालामे पढ़ाई करता था जो घरसे लगभग एक किलोमीटर दूरीपर था।उसवकत अब...