इंसानियत की उपलक्ष्य Nilachal Tripathy 2:35 am Add Comment Edit इंसानियत की उपलक्ष्य दोस्तों,समय सबसे बलवान। समय की स्रोत में सबकुछ बहजाता है सिबा एक सत कर्म। अब की बर्तमान कुछ ही पल में बनजाता अतीत। ...
दृष्टिकोण Nilachal Tripathy 2:21 am Add Comment Edit दॄष्टिकोण भगबान दाश गोपीपुर मे रहते हैं। संग बृद्धा माँ और बेटी कमला। पहले से ही पत्नी का देहांत होचुका था। एक रक्षयनसिल ब्राम्हण पर...
पगली Nilachal Tripathy 11:34 pm Add Comment Edit पगली उस दिन बड़े सबेरे से स्नान सौच करके में निकल पड़ा था,गोरखनाथ शिबालय की ओर जो मेरे घर से लगभग चालीस किलोमीटर दूरीपर है। बस मे सफर कर...
गूंगी जमाना Nilachal Tripathy 12:44 am Add Comment Edit गूंगी जमाना अभिराम ग्यारह बर्ष का एक छोटासा बालक। पाहाडी इलाका बालिपाटना बस्ती मे रहता है। गांव की अधिकांश लोग दरिद्रता का सीमा रेखा...