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न्याय और दोष नहीं मदत किसीकी समस्याका हल है |
जिंदेगिमें कई बार आते जाते वक्त अनेक घटना देखनेको
मिलती है यारों बहुत लोग उस घटनासे अबगत होते हैं मगर सभीके उस घटनाकी ऊपर अलग दृष्टिकोण रखते हैं I इसके लाबा एक हैरान कदेनेवाला
बात ये है की घटनाकी समाधान को बिचार नाकरतेहुए अपना बिचार और दृष्टिकोण का
ब्याख्या करते जाते इसके लाबा ऐसे भी कुछ लोग होते हैं जो कोई ब्यक्तिका दुर्घटना होनेकी वक्त फोटो खिंचनेमें
ब्यस्त रहते जो हरगिस उचित नहीं है I आज इस संधर्भ में एक रोचककहानी आपके समक्ष्य :
एक दिन एक आदमी कहिंपे जारहाथा और अचानक एक छेद में
गिर गया तो बहुत दर्द में था ...
एक मौलवी वाहांसे गुजर रहेथे जो उसे देखा और कहा:
लगता है तुमने जैदा पाप किया होगा!
उसके बात एक वैज्ञानिक वाहां पहंचे और बोलने लगे :
छेद की गहराई और मिट्टी की नमी को मापा!
कुछ देर बात एक पत्रकार वाहां आमिले:
उसके दर्द के बारे स्बिसेस एक बिबरण उसे बताया!
फिर कुछ क्षण उपरांत वहीँ पे आये एक योगी जिसने उनसे कहा:
यह छेद और आपका दर्द केवल आपके दिमाग में है, वे वास्तव में मौजूद नहीं हैं
!!!
एक डॉक्टरका बयां था :
उसने उसके लिए दो एस्पिरिन की गोलियां गिरा दीं!
एक नर्स का काम इतिना ही था:
व छेद से खड़ा था और उसके साथ रोया!
एक मनोवैज्ञानिक:
उसने उन कारणों को खोजने के लिए उकसाया और कहा कि
उसके माता-पिता ने उसे गड्ढे में गिरने के लिए क्यों तैयार
किया था!
एक विचारक का दृष्टिकोण कुछ अलग था :
उन्होंने सलाह दी: चाहते हैं सक्षम होने के लिए!
एक आशावादी व्यक्ति
ने आकर उससे कहा: तुम अपना एक पैर तोड़ सकते थे बाल
बाल बच्ग्स्ये !!!
तभी एक अनपढ़ व्यक्ति पास से गुजरा और उसका हाथ पकड़
कर उसे छेद से बाहर निकाला ...!
यदि आप किसी को समस्या के साथ देखते हैं, तो उन्हें न्याय करने और दोष
देने के बजाय उनकी मदद करें व सही और उचित काम ही है I
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