द
थॉट पॉवर
![]() |
द थॉट पॉवर |
ये बिलकुल एक सही बात है दोस्तों की हमारे थॉट प्रोसेस हमेसा हमारे कार्यदक्ष्यता के ऊपर अच्छा या बुरा प्रभाव डालता है I जिसकी प्रभाव से हमारे मन मस्तिस्क में ऊर्जा उत्पन्न होता है और हमारे कार्य धारा को नियंत्रण करता जाता I ये बनता हेतु और किसीको कोई काम असम्भब तो वही काम किसीको लगता असम्भब I आज इसकी ऊपर एक कहानी I
एक बूढ़ा आदमी मधुपुरा में अकेला
रहता था। वह अपने खीरा के खेत में खेती करना चाहता था मगर वह उनके लिए मुश्किल था।
उनका इकलौता बेटा था जो अब जेल में था उनकी मदद कर सकता था।
बूढ़े आदमी इसीलिए थोड़ा ब्यथित था
व दुखी मनसे अपने बेटे को एसा एक पत्र लिखा : " मेरे प्यारे बेटे, मैं खुश नहीं हूं क्योंकि मैं इस साल और खीरा नहीं उगापाऊंगा ।
मैं इस खेत को खोना नहीं चाहता, क्योंकि आपकी माँ को हमेशा रोपण समय से प्यार था। मैं खेत में काम करने के लिए
बहुत बूढ़ा हो गया हूं। अगर आप यहां होते, तो मेरी सारी समस्याएं हल होसकती। मुझे पता है कि अगर तुम यहाँ होते तो तुम
मेरे लिए खेत की जुताई करते।
बूढा आदमी को बेटा अपना मित्र की माध्यम से यह तार भेजा : " पिता, ईश्वर के लिए, खेत की जुताई मत करो, मैंने वहाँ एक बंदूक छिपा रखी है।"
पांच अगली सुबह, पंद्रह एफबीआई एजेंट और स्थानीय पुलिस अधिकारी बंदूक के बिना पूरे खेत की
जुताई करते हुए देखे गए। घबराए हुए बूढ़े व्यक्ति ने अपने बेटे को पुनः एक और पत्र लिखा, जिसमें व ये बताया कि वह क्या हुआ था और वह क्या करना चाहता था। उनके बेटे ने
जवाब दिया: "पिताजी, जाओ और अपने खीरा बोओ, यह सबसे अच्छी बात थी जो मैं तुम्हारे लिए यहाँ से कर सकता था।"
निष्कर्ष:
दुनिया में कोई बाधाएं हो ही नहीं
सकती। यदि आप अपने दिल की गहराई से कुछ करने का फैसला करते हैं, तो आप यह कर सकते हैं। बाधा मन है। न कि जहां आप या एक व्यक्ति हैं। आशा करते
हैं ये आपके लिए उपयोगी सकारात्मक उर्जा पैदा कर पाएगा।
0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें