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उनकी मुस्कान

 

उनकी मुस्कान
उनकी मुस्कान

  वो खूब मुस्कुराई...


  बात करो... बिना बात किये.. बिना जाने क्या सोचे.


  किसी भी हाल में उसका बेदाग दिमाग... समझ नहीं पा रहा था कि माँ क्या कहना चाहती है...।


  माँ एक माँ थी।  लेकिन साथ ही आशंकित भी था... कि कोई भी किसी भी हाल में उसकी मुसकान नहीं लेगा...


  फिर, उसी समय, एक अवसर पर उसकी शादी हो गई...उसकी पत्नी ने उसकी मुस्कराहट को चकरा देना शुरू कर दिया...।  वह एक संदिग्ध थी... क्या बात है... वह किस कारण से कहेगी कि वह इतना मुस्कुरा रही है...?  वो भी पूछते थे... तुम हर बात पर इतनी बड़ी रकम किस वजह से मुसकराते हो...?


  वह बहुत कुछ इस तरह कहती थी… फिर भी उसका साथी पूरा नहीं हुआ…, वह चुपके से उस पर नज़र रखता था…।  जब भी वह अपने भाई से शादी से, भाई को शादी से, पिता को शादी से या किसी और आदमी से बात करती थी…।  सोचता है कि मेरी माँ बहन फलानी ढेकनी उसके अंदर के हर एक तथ्य को जानती है और मुझसे छुपाती है…।  मानो वह अपने मायके में किसी के साथ मुस्कुराती थी, उसे लगता था कि उसका यहाँ भी उसके साथ असंबद्ध रोमांस है ... जैसे क्षेत्र, शादी से भाई इत्यादि या शायद सोचती है ... उसके भाई, पिता  माँ, बहन मुझसे कुछ छुपा रही है।  ....


  फिर, उस समय, एक दिन, उसका मुख्य बच्चा ... बीमार हो गया ... उसे चिकित्सा क्लिनिक में भर्ती कराया गया .... वहां उसने उस संदिग्ध व्यक्ति को देखा ... उसने विशेषज्ञ, पोषण और अन्य लोगों से भी बात की।  ... विशेष रूप से मुस्कुराते हुए अभी भी काम कर रहे हैं ....


  वह इतनी अद्भुत भी थी.. कि उसकी अनिश्चितता का कीड़ा यहाँ भी उफान मार रहा था... और तो और, एक अवसर पर उसने अपने दुर्बल बच्चे को पीछे छोड़ दिया और अपर्याप्तता की भावना के दावे के साथ भाग गई।  सब सहम गए...!  स्तंभित होना...!  परेशान था...कि कोई किसी के चेहरे पर खास ईमानदार मुस्कान के साथ दाग कैसे लगा सकता है... वो भी ऐसे मौके पर...।

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  फिर, उस समय, वह व्यक्ति जो आशंकित था... वह हुआ... सभी ने एक टन के साथ निपटाया... उसका कोई और नहीं बल्कि बच्चा नहीं मिल सका... वर्तमान में वह मुस्कुराई नहीं...।  सबके साथ उसके पिता ने उसका चेहरा देखा… वह अपने बच्चे को लाने में असमर्थ था… लेकिन अपनी मुस्कराहट वापस लाने पर विचार किया…। 


  उसने अपनी लड़की को ऐसे आदमी की हकीकत से बाहर निकाला... वह आदमी लगातार रोता रहा।  .. फिर भी, जब ... उसकी अपनी माँ, पिता, सहोदर, बहन, बहाना नहीं कर सकती ... तो उस समय, उस युवती के पिता और परिवार कैसे कर सकते थे .... युवती ने नहीं  मुस्कराहट तो कुछ नहीं मिली... गया से अलग... वर्तमान में युवती फिर से अपने बसे हुए परिवार में... अपने बच्चों के साथ मुस्कुराती है।

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